Education revolution in Punjab: ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ ने लाए हैं शिक्षा में बड़ा बदलाव, 2 लाख छात्रों ने की भर्ती
Education revolution in Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और सरकारी स्कूलों में लोगों का विश्वास पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से 118 ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ की शुरुआत की है। ये स्कूल न केवल निजी स्कूलों से मुकाबला कर रहे हैं बल्कि अब निजी स्कूलों के छात्र भी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में, 10 हजार छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है, जबकि ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ में 2 लाख छात्रों ने नामांकन किया है। यह शिक्षा क्रांति पंजाब में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन चुकी है।
‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ का इतिहास और वर्तमान स्थिति
‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ की शुरुआत के साथ ही, पंजाब में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया बदलाव देखा जा रहा है। पहले चरण में, 82,000 बच्चों ने इन स्कूलों में दाखिला लिया था, जो अब बढ़कर 2 लाख से अधिक हो चुका है। यह वृद्धि दर्शाती है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम प्रभावी साबित हो रहे हैं और लोगों की उम्मीदों को पूरा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि इन स्कूलों की स्थापना के माध्यम से राज्य सरकार छात्रों के सपनों को ऊँचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक मंच प्रदान कर रही है। ये स्कूल खासकर गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।
निजी स्कूलों के छात्र सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ में उपलब्ध सुविधाओं के कारण अब छात्र निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। ये स्कूल आधुनिक खेल सुविधाओं, लॉन टेनिस कोर्ट, स्विमिंग पूल, प्रयोगशाला और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित हैं। इन सुविधाओं की वजह से ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ निजी स्कूलों के मुकाबले में खड़े हो गए हैं, और इसके परिणामस्वरूप छात्र निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं।
स्कूलों की सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर
‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ में उपलब्ध सुविधाओं में शामिल हैं:
- खेल मैदान: बच्चों के खेल और शारीरिक विकास के लिए आधुनिक खेल मैदान।
- लॉन टेनिस और स्विमिंग पूल: खेलों के प्रति रुचि को बढ़ावा देने के लिए विशेष सुविधाएं।
- प्रयोगशाला: विज्ञान और गणित की पढ़ाई के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं।
- आधुनिक शिक्षण उपकरण: कक्षा में बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए तकनीकी संसाधन और उपकरण।
इन सुविधाओं के माध्यम से ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस’ सरकारी स्कूलों को गुणवत्ता और सुविधाओं के मामले में निजी स्कूलों के बराबर ला रहे हैं, जिससे छात्र और उनके अभिभावक सरकारी स्कूलों के प्रति विश्वास बढ़ा रहे हैं।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि ‘स्कूल्स ऑफ एमिनेंस‘ के निर्माण के माध्यम से राज्य सरकार का उद्देश्य केवल छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना नहीं है, बल्कि उनके सपनों को साकार करने के लिए एक सक्षम वातावरण भी तैयार करना है। वे मानते हैं कि ये स्कूल आने वाले समय में छात्रों को हर क्षेत्र में सफलता दिलाने में सक्षम होंगे और राज्य को गर्व महसूस कराएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव सिर्फ प्रारंभ है और राज्य सरकार भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में और भी सुधार और नवाचार लाने की योजना बना रही है।